Shri Ram Temple Ayodhya में स्तथित है। यह भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि है। अयोध्या का भारतवर्ष के अनेक तीर्थस्थलों में विशेष स्थान है। यह वह भूमि है जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। भगवान श्रीराम धर्म, मर्यादा और आदर्शों के प्रतीक माने जाते हैं। आज अयोध्या न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण नगरी बन चुकी है।

उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जिसे भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। अयोध्या नगरी का उल्लेख रामायण और कई पुराणों में किया गया है। यह नगर सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है और हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
महर्षि वाल्मीकि की रामायण में अयोध्या को “देवताओं द्वारा रचित नगरी” कहा गया है। यह नगरी जितनी सुंदर थी, उतनी ही व्यवस्थित और समृद्ध भी। अयोध्या का नाम संस्कृत शब्द “अयुध्य” से लिया गया है, जिसका अर्थ है — “जिसे कोई जीत न सके”। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
अयोध्या का धार्मिक महत्व
भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या के धार्मिक महत्व इतना है कि इसे हिन्दू धर्म के सप्तपुरियों में से एक कहा जाता है। यहीं पर त्रेता युग में भगवान विष्णु ने भगवान श्रीराम के रूप में जन्म लिया था। भगवान श्रीराम का चरित्र और धर्म पर आधारित शासन “रामराज्य” भारतीय संस्कृति का आदर्श मॉडल माना गया। यह नगरी कोसल राज्य के इक्ष्वाकु वंश की राजधानी भी रही है। वैदिक काल में इसे साकेत नाम से भी जाना जाता था।
Shri Ram Temple Ayodhya का अध्यात्मिक महत्व
अयोध्या का आध्यात्मिक महत्व भी उतना ही है जितना की धार्मिक और सांस्कृतिक। अयोध्या न केवल हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि बौद्ध और जैन धर्मों के लिए भी यह एक पवित्र स्थल रहा है। ये दोनो ही धर्म अपने अध्यात्मिक दृष्टकोण के लिए जाने जाते हैं। इन दोनों धर्मों का अयोध्या से गहरा ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध रहा है, जिसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों, अभिलेखों और यात्रावृत्तांतों में मिलता है।
भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में बौद्ध धर्म

महात्मा बुद्ध के समय में अयोध्या कोषल देश का प्रमुख नगर था और यह एक समृद्ध बौद्ध केंद्र रहा। बौद्ध ग्रंथों में अयोध्या को “साकेत” नाम से भी जाना जाता है, जो उस समय बौद्ध भिक्षुओं का प्रमुख गमन स्थल था। चीनी तीर्थयात्री फाह्यान (Fa-Hien) और ह्वेनसांग (Xuanzang) ने 5वीं और 7वीं शताब्दी में भारत यात्रा के दौरान अयोध्या में कई बौद्ध विहारों और स्तूपों का उल्लेख किया है। पुरातात्त्विक खुदाईयों में अयोध्या के आस-पास से बौद्ध मूर्तियाँ, ईंटें, और अन्य अवशेष प्राप्त हुए हैं। साकेत क्षेत्र में कई छोटे बौद्ध स्तूप और ध्यानस्थल अब भी मौजूद हैं, जिन्हें बौद्ध अनुयायी सम्मान से देखते हैं।
भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में जैन धर्म

जैन धर्म के अनुसार, अयोध्या वह पुण्यभूमि है जहाँ पहले पाँच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था।
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ऋषभदेव (आदि तीर्थंकर)
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अजितनाथ
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सम्भवनाथ
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अभिनन्दननाथ
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सुमतिनाथ
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इन तीर्थंकरों का जन्म स्थान अयोध्या को जैन धर्म के प्राचीन सप्त तीर्थों में शामिल करता है।
भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि में प्रमुख जैन स्थल
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श्री ऋषभदेव जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र: यहाँ भव्य जैन मंदिर है, जहाँ तीर्थंकर ऋषभदेव की सुंदर मूर्ति विराजमान है।
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दिगंबर और श्वेतांबर जैन मंदिर: अयोध्या में दोनों परंपराओं के अनेक मंदिर स्थित हैं, जिनमें श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।
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‘कल्पसूत्र’, ‘जिनचरित्र’ और ‘जैन पुराणों’ में अयोध्या को “पुरानी विन्ध्यावती नगरी” के रूप में वर्णित किया गया है।
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ऋषभदेव को भारत का प्रथम राजा भी कहा गया है, जिन्होंने अयोध्या से ही शासन चलाया।
अयोध्या एक बहु-धार्मिक नगरी रही है, जहाँ हिंदू, बौद्ध और जैन परंपराएं सह-अस्तित्व में रही हैं। यहाँ विभिन्न धर्मों के प्रतीक स्थल एक-दूसरे के पास स्थित हैं, जो भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब और आध्यात्मिक विविधता का प्रतीक हैं।
भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में घूमने की प्रमुख जगहें.
Exploring the Shri Ram Temple Ayodhya and Its Wonders

भगवान श्रीराम की पावन जन्मभू्मि अयोध्या में घूमने के लिए कई प्रसिद्ध स्थान हैं। जहां आप जा सकते हैं, जिनका विवरण पोस्ट में आगे दिया गया है-
- भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर बना भव्य मंदिर।
- विशाल परिसर, सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण।
2. हनुमानगढ़ी
- अयोध्या का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, भगवान हनुमान को समर्पित।
- मान्यता है कि रामलला के दर्शन से पहले हनुमानजी के दर्शन आवश्यक हैं।
3. कनक भवन
- माता सीता को रानी कौशल्या द्वारा उपहार में दिया गया महल।
- राम और सीता की सुंदर स्वर्ण जड़ित मूर्तियाँ यहाँ स्थापित हैं।
4. सरयू घाट (सरयू नदी)
- पुण्य सरयू नदी में स्नान का विशेष महत्व।
- सूर्योदय और सूर्यास्त की आरती अत्यंत भावविभोर करती है।
5. नागेश्वरनाथ मंदिर
- अयोध्या के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक।
- मान्यता है कि इसका निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने कराया था।
6. राजा दशरथ महल
- भगवान श्रीराम के पिता राजा दशरथ का निवास स्थान।
- रंग-बिरंगी सजावट और पुरातन शैली की वास्तुकला।
7. राम की पौड़ी
- सरयू नदी पर बना घाट, जहाँ रोजाना सैकड़ों भक्त स्नान करते हैं।
- दीपोत्सव पर यहाँ लाखों दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाए जाते हैं।
8. मणि पर्वत
- मान्यता है कि संजीवनी पर्वत का टुकड़ा यहाँ गिरा था।
- एक छोटा टीला जहाँ से अयोध्या का सुंदर दृश्य दिखता है।
9. गुप्तार घाट
- वह स्थान जहाँ भगवान श्रीराम ने जल समाधि ली थी।
- शांत वातावरण और सुंदर घाट संरचना।
10. भरतकुंड
- भगवान भरत द्वारा श्रीराम की चरण पादुका को सिंहासन पर विराजमान करने का स्थान।
- नंदिग्राम के पास स्थित, आध्यात्मिक महत्व से भरपूर।
11. विवेकानंद पार्क
- पर्यटकों और परिवारों के लिए आरामदायक स्थान।
- हरियाली और बच्चों के खेलने के लिए उपयुक्त वातावरण।
12. तुलसी स्मारक भवन
- गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में निर्मित।
- यहाँ “रामचरितमानस” की हस्तलिखित प्रतियाँ और भित्तिचित्र देखे जा सकते हैं।
13. जैन तीर्थ स्थल
- ऋषभदेव, अजितनाथ आदि पाँच जैन तीर्थंकरों का जन्मस्थल।
- यहाँ दिगंबर और श्वेतांबर संप्रदायों के कई जैन मंदिर हैं।
14. बौद्ध स्थल (साकेत क्षेत्र)
- चीनी यात्रियों के वर्णनानुसार, अयोध्या प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा और ध्यान का केंद्र भी था।
- कुछ छोटे स्तूप और विहार अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं।
15. दीपोत्सव का आयोजन स्थल
- हर साल दीपावली से पहले सरयू तट पर आयोजित होता है विशाल दीपोत्सव।
- लाखों दीपों से अयोध्या जगमगाती है — एक अद्भुत दृश्य।
16. सूरज कुण्ड
- सूर्य देव को समर्पित
- भगवान श्रीराम का सूर्यवंशी होने के कारण प्रासंगिक
Shri Ram Temple Ayodhya में ठहरने के लिए

अगर आप अयोध्या में ठहरने के लिए सोच रहें हैं तो आपके लिए ढेरों विकल्प मौजूद है। यहां धर्मशाला, होटल्स और होम स्टे का भी विकल्प मिल जाएगा। कुछ सुझाव नीचे दिए गए हैं
धर्मशालाएँ और आश्रम
यहाँ कई धर्मशालाएँ हैं जो न्यूनतम शुल्क पर ठहरने की सुविधा देती हैं, विशेषकर श्रद्धालुओं के लिए।
- श्रीराम धर्मशाला
स्थान: राम जन्मभूमि के पास
विशेषताएँ: यह धर्मशाला सस्ते रेट में ठहरने की सुविधा प्रदान करती है। यहाँ स्नान व शौचालय की अच्छी व्यवस्था है, जिससे तीर्थयात्रियों को सुविधा होती है। - दिगंबर जैन धर्मशाला
स्थान: जैन तीर्थ क्षेत्र में
विशेषताएँ: यह धर्मशाला स्वच्छ वातावरण और शुद्ध शाकाहारी भोजन के लिए जानी जाती है। यहाँ का अनुशासित माहौल जैन श्रद्धालुओं के लिए उपयुक्त है। - रामानंद आश्रम
स्थान: हनुमानगढ़ी के पास
विशेषताएँ: यह स्थान ध्यान, साधना और एकांत चाहने वाले श्रद्धालुओं व संतों के लिए आदर्श है। यहाँ शांत और आध्यात्मिक वातावरण बना रहता है। - बिड़ला धर्मशाला
स्थान: रेलवे स्टेशन के निकट, अयोध्या
विशेषताएँ: यह एक सुव्यवस्थित और विश्वसनीय धर्मशाला है, जो बिड़ला ट्रस्ट द्वारा संचालित है। यहाँ सस्ती दरों पर साफ-सुथरे कमरे, शौचालय, भोजन और पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। परिवारों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपयुक्त स्थान है।
होम स्टे
1. सतविक होमस्टे
- स्थान: अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से 4 किमी, राम मंदिर से 5.1 किमी दूर।
- विशेषताएँ: एसी कमरे, शांत वातावरण, परिवारों के लिए उपयुक्त।
2. शिवम होमस्टे
- स्थान: राम मंदिर से लगभग 2.8 किमी दूर।
- विशेषताएँ: एसी कमरे, मुफ्त वाई-फाई, निजी पार्किंग।
3. आस्था पैलेस
- स्थान: राम मंदिर से 1.2 किमी दूर।
- विशेषताएँ: केंद्रीय स्थान, छत के साथ कमरे।
4. माँ जानकी होमस्टे
- स्थान: राम मंदिर से 1.1 किमी दूर।
- विशेषताएँ: बॉलीवुड बाथ और ओपन-एयर बाथ की सुविधा।
5. सामर होमस्टे
- स्थान: राम मंदिर से 3 किमी दूर।
- विशेषताएँ: बगीचा, बालकनी, शांतिपूर्ण वातावरण।
Shri Ram Temple Ayodhya प्रमुख होटल्स
1. The Ramayana Hotel
- स्थान: अयोध्या के केंद्र में स्थित।
- विशेषताएँ: आधुनिक सुविधाओं से युक्त, परिवारों के लिए उपयुक्त।
2. Cygnett Collection KK Hotel
- स्थान: अयोध्या में प्रमुख स्थान पर स्थित।
- विशेषताएँ: लक्ज़री सुविधाएँ, व्यवसायिक यात्रियों के लिए उपयुक्त।
3. Hotel The Param Grand Regency
- स्थान: राम मंदिर से 750 मीटर की दूरी पर।
- विशेषताएँ: छत, शांत वातावरण, परिवारों के लिए उपयुक्त।
4. Hotel Laxmanam
- स्थान: अयोध्या में प्रमुख स्थान पर स्थित।
- विशेषताएँ: आरामदायक कमरे, बजट के अनुकूल।
5. Park Inn by Radisson Ayodhya
- स्थान: अयोध्या में प्रमुख स्थान पर स्थित।
- विशेषताएँ: आधुनिक सुविधाएँ, स्पा, पूल, व्यवसायिक यात्रियों के लिए उपयुक्त।
6. Hotel City Inn
- स्थान: अयोध्या में प्रमुख स्थान पर स्थित।
- विशेषताएँ: बजट के अनुकूल, आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध।
7. Hotel Shree Venkatesh Nilayam
- स्थान: राम जन्मभूमि से 300 मीटर की दूरी पर।
- विशेषताएँ: बजट के अनुकूल, आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध।
Shri Ram Temple Ayodhya आने का सही समय
Shri Ram Temple Ayodhya आते समय अगर आप भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं तो यहां के पीक टाइम में आने से बचें जैसे दीपावली और रामनवमी। क्योंकि ये यहां के प्रमुख त्यौहारों में हैं और इस समय यहां लाखों के संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यदि आप यहां के उत्सवों का आनंद लेना चाहते हैं तो दीपावली और रामनवमी का समय बेस्ट है।
गर्मी के पीक टाइम जैसै मई और जून में यहां आने से बचना चाहिए क्योंकि यहां पानी और दवाओं की व्यवस्था तो सरकार ने की है परन्तु भीड़ और उत्तर भारत की गर्मी आपका दिमाग खराब कर सकती है। जिस कारण आपका सफर कष्टदायक हो सकता है।
सबसे बेहतर होगा की आप यहां जुलाई से अप्रैल तक आप यहां कभी भी आ सकते हैं। लेकिन अगर भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं तो प्रमुख त्यौहारों के समय यहां आने से परहेज कर सकते हैं।
Shri Ram Temple Ayodhya पहुंचने के रास्ते
आप अगर अयोध्या आने के लिए सोच रहें है तो यहां आने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग में से किसी को भी चुन सकते हैं। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सड़क और रेल मार्ग दोनो से अच्छी तरह कनेक्टेड है।
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम